गर्मी का दिल की बीमारी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, और यह कुछ हद तक खतरनाक भी हो सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
1. डिहाइड्रेशन: गर्मी के मौसम में शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। डिहाइड्रेशन से ब्लड वॉल्यूम कम हो जाता है, जिससे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यह स्थिति विशेष रूप से हृदय रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है।
2. हाई ब्लड प्रेशर: गर्मी के कारण ब्लड प्रेशर में बदलाव आ सकता है। उच्च तापमान से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
3. हीट स्ट्रोक: अत्यधिक गर्मी से हीट स्ट्रोक हो सकता है, जो एक मेडिकल इमरजेंसी है। इसमें शरीर का तापमान खतरनाक रूप से बढ़ जाता है और यह दिल की धड़कन को अनियमित कर सकता है।
4. एल्क्ट्रोलाइट इम्बैलेंस: अधिक पसीने के कारण इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे कि सोडियम और पोटैशियम) की कमी हो सकती है। यह दिल के लिए हानिकारक हो सकता है और अतालता (अनियमित दिल की धड़कन) का कारण बन सकता है।
उपाय
1. हाइड्रेटेड रहना: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। स्पोर्ट्स ड्रिंक भी मदद कर सकती हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने में मदद करती हैं।
2. सीमित समय बाहर बिताना: अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए धूप में कम समय बिताएं और ठंडी जगहों पर रहें।
3. हल्के और ढीले कपड़े पहनना: शरीर को ठंडा रखने के लिए हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
4. रेगुलर चेक-अप: दिल की बीमारी के मरीजों को नियमित रूप से अपने डॉक्टर से चेक-अप करवाना चाहिए और गर्मी के मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
5. खानपान में बदलाव: हल्का और ताजा खाना खाएं। तली-भुनी और भारी चीजों से बचें।
गर्मी के मौसम में दिल की बीमारी के मरीजों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए।